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करोड़ों के मकान पर बुलडोजर चलने के बाद शहजाद अली सामने आए, वीडियो जारी कर सफाई दी.



छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर में सिटी थाने पर पथराव के बाद पुलिस ने गुरुवार को आरोपी हाजी शहजाद अली के घर पर बुलडोजर चला दिया. शहजाद के मस्तान साहिब कॉलोनी स्थित इस घर की कीमत करोड़ों में बताई गई थी और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. घर पर बुलडोजर चलने के बाद शहजाद सामने आए हैं और उन्होंने पूरे मामले पर अपनी सफाई दी है. शहजाद ने अपने बचाव में कहा कि पहले पुलिस ने लाठीचार्ज किया, उसके बाद पता नहीं कहां से पथराव हुआ.

'जांच के बाद ही तोड़ा जाना चाहिए किसी का घर'
शहजाद ने एक वीडियो के जरिए अपनी सफाई में कहा, 'पुलिस प्रशासन मेरे खिलाफ साजिश रच रहा है. इसके तहत मेरा घर तोड़ दिया गया है.' मेरी मुख्यमंत्री जी से अपील है कि आपके निर्देश पर तोड़े गए मकानों की जांच कराकर ही कार्रवाई करें।

 जांच के बाद ही किसी का मकान तोड़ा जाना चाहिए। मुझे इस मामले में मजबूर किया जा रहा है. मुझे ही निशाना बनाया जा रहा है. पथराव के वक्त मैं डिप्टी डायरेक्टर, एडीएम और एसडीएम के साथ खड़ा था। इन तीनों के अनुरोध पर मैंने भीड़ को रोका और समझाया.

''भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने घटना को अंजाम दिया.''
शहजाद ने कहा, 'पुलिस और मुस्लिम समुदाय, दोनों तरफ से लाठीचार्ज और पथराव हुआ। ये देख कर मैं वहां से चला गया. मेरी कोई भूमिका नहीं होने के बावजूद मेरा घर तोड़ दिया गया. परिवार चिंतित था. मुझे बदनाम किया जा रहा है.

 मैं 14 साल से संस्था चला रहा हूं, लोगों की मदद कर रहा हूं, आज तक कभी छतरपुर नहीं आया। मैं भी सदर गया हूं लेकिन ऐसी कोई घटना नहीं हुई. इस घटना में मुझे निशाना बनाया जा रहा है. मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा. भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया है. हमारे साथ अच्छे लोग थे.

पुलिस ने 150 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
आपको बता दें कि इससे पहले बुधवार शाम को पैगंबर मुहम्मद और इस्लाम धर्म के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में धार्मिक नेता रामगिरी महाराज के विरोध में 500 से अधिक लोगों की भीड़ महाराष्ट्र के नासिक में कोतवाली पुलिस स्टेशन के बाहर एकत्र हुई थी। 

इस बीच उपद्रवियों ने कोतवाली थाने पर पथराव और हमला कर दिया. हमले में कोतवाली थाना प्रभारी और 3 अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. घटना के बाद पुलिस ने 150 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिनमें से 46 लोगों की पहचान कर ली गई है.

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