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टीटीपी और पाकिस्तानी सेना के बीच भीषण झड़प, कई सैनिक मारे गए, आतंकियों ने सेना की चौकियों पर कब्जा कर लिया.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में सेना और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकवादियों के बीच भारी लड़ाई चल रही है. बताया जा रहा है कि इस दौरान टीटीपी के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना की कई सुरक्षा चौकियों पर कब्जा कर लिया है. इस घटना में कई जवानों के मारे जाने की भी खबर है.

पाकिस्तानी सेना लंबे समय से उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में टीटीपी आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान चला रही है. टीटीपी को पाकिस्तानी तालिबान के नाम से भी जाना जाता है। टीटीपी ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान को सबसे गहरे घाव दिए हैं. पाकिस्तान का दावा है कि टीटीपी को अफगानिस्तान के तालिबान का समर्थन प्राप्त है.

कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
टीटीपी समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दावा किया है कि उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली बाजार जिले में पाकिस्तानी तालिबान और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के बीच भीषण झड़पें चल रही हैं। दावा किया गया है कि टीटीपी आतंकवादियों ने कई पाकिस्तानी सुरक्षा चौकियों पर कब्जा कर लिया और पाकिस्तानी सेना के एक बड़े काफिले पर भी हमला किया। 

रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में टीटीपी के हाफिज गुल बहादुर ग्रुप के आतंकी भी शामिल हैं. स्थानीय सूत्रों ने बताया है कि टीटीपी लड़ाके उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली बाजार इलाके तक बड़ी आसानी से पहुंचने में कामयाब हो गए हैं. खबर है कि इस हमले में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गये.


टीटीपी के बारे में जानें.
तालिबान एक सुन्नी इस्लामवादी राष्ट्रवादी और पश्तून समर्थक आंदोलन है जिसकी स्थापना 1990 के दशक की शुरुआत में हुई थी। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान इसकी एक शाखा है. पाकिस्तान का दावा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का गठन 2007 में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ किया गया था। इस ग्रुप में कई छोटे-बड़े आतंकी ग्रुप शामिल हैं.

 टीटीपी का घोषित उद्देश्य संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों और पड़ोसी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इस्लामाबाद के प्रभाव को समाप्त करना और पूरे पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करना है। टीटीपी नेता भी खुलेआम कहते हैं कि समूह पाकिस्तान में इस्लामिक खिलाफत स्थापित करना चाहता है, जिसके लिए पाकिस्तानी सरकार को उखाड़ फेंकना होगा।

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